“सफेद दाग: सिर्फ एक रंग का फर्क, पहचान नहीं”

सफेद दाग: सिर्फ एक रंग का फर्क, पहचान नहीं

“क्या आपकी त्वचा का रंग आपकी पहचान तय करता है?”
अगर नहीं… तो फिर सफेद दाग किसी को छोटा या अलग क्यों बना देते हैं?

विटिलिगो, यानी सफेद दाग — एक स्किन कंडीशन है।
न कोई पाप, न कोई श्राप।
जैसे किसी की आँखें भूरी होती हैं, किसी के बाल सुनहरे — वैसे ही किसी की त्वचा पर सफेद धब्बे हो सकते हैं।

पर क्या रंग से इंसान की पहचान बदल जाती है?

नहीं।

सिर्फ त्वचा पर रंग बदला है,
जज़्बा वही है, इंसान वही है, सपने वही हैं।

कई बार समाज हमें हमारे लुक्स, हमारी बाहरी बनावट से परखने लगता है —
लेकिन असल पहचान तो हमारी सोच, हमारा व्यवहार, और हमारा संघर्ष होता है।

समाज को समझने की ज़रूरत है:

  • दाग सिर्फ त्वचा पर होते हैं, आत्मा पर नहीं।

  • पहचान मेहनत से बनती है, रंग से नहीं।

  • सुंदरता एक भाव है, कोई तयशुदा रंग नहीं।

अगर आप भी मानते हैं कि:

“सफेद दाग सिर्फ एक रंग का फर्क है, पहचान नहीं”
तो आइए…

  • एक नई सोच को अपनाएं

  • भावनाओं को समझें

  • और हर उस व्यक्ति को अपनाएं जो अपने आत्मविश्वास से दुनिया को बदल रहा है

हम कौन हैं?

Vitiligo Support India
एक ऐसा प्लेटफॉर्म जहाँ दाग नहीं, आत्मविश्वास देखा जाता है।
जहाँ हम रंग नहीं, इंसानियत की बात करते हैं।
जहाँ हर आवाज़ मायने रखती है।

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