जब पिता ने बेटे से कहा – “तुम शादी में मत आना” | विटिलिगो और समाज का आईना

नमस्कार दोस्तों,

आज मैं आपके लिए एक और सच्ची घटना लेकर आया हूँ —
एक ऐसी कहानी जो दिल को झकझोर देती है, और हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वाकई हम इंसानियत के रास्ते पर हैं?

यह कहानी है एक सामान्य-से परिवार की…
जहाँ दो बेटे हैं।
बड़ा बेटा विटिलिगो (सफेद दाग) से प्रभावित है, और छोटा बेटा पूरी तरह स्वस्थ

बड़े बेटे की शादी हो चुकी है —
एक समझदार, पढ़ी-लिखी और आत्मनिर्भर महिला से, जो स्वयं भी विटिलिगो से ग्रसित है।
इन दोनों ने जीवन को स्वीकार किया है — सम्मान और आत्मविश्वास के साथ।


🎉 फिर आया छोटे बेटे की शादी का वक्त…

शादी पक्की हुई, घर में उत्साह का माहौल था।
लेकिन तभी…

उसी पिता ने, जिसने दोनों बेटों का पालन-पोषण किया था,
अपने बड़े बेटे से कहा:
“बेटा, तुम इस शादी में मत आना…”


😢 क्या महसूस करता होगा वो बेटा?

जिसे समाज ने पहले ही न जाने कितनी बार ठुकराया,
अब अपने ही पिता की जुबान से ये सुनना —
उस पल का दर्द, अपमान और अकेलापन… शब्द कम पड़ जाते हैं।

यह सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है —
यह हमारे समाज का आईना है, जो आज भी रंग, रूप और त्वचा की सतही सोच में उलझा हुआ है।


🧠 विचार कीजिए —

जब कोई बीमारी घर में आती है —
परिवार उसका सबसे पहला सहारा बनता है।
तो विटिलिगो को देखकर अपनों के बीच ही दूरी क्यों बनती है?

सवाल ये नहीं कि दाग शरीर पर हैं,
सवाल ये है कि दाग समाज की सोच पर क्यों हैं?


Vitiligo Support India का संदेश:

  • विटिलिगो कोई छूआछूत नहीं है

  • यह संक्रामक नहीं है

  • और सबसे अहम — यह इंसानियत से बड़ा कोई मुद्दा नहीं है।

🙏🏻 समझिए, साथ दीजिए… क्योंकि हर इंसान को अपने परिवार का साथ चाहिए — सबसे पहले, सबसे मजबूत।


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🤝 याद रखिए:

आप अकेले नहीं हैं – हम सब साथ हैं।
Vitiligo Support India – हमारी स्किन, हमारा गौरव! 🧡

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