✨ जब मैंने फुल स्लीव्स छोड़ दी — एक आज़ादी की कहानी
“कपड़े नहीं बदले थे उस दिन, सोच बदल गई थी…”
जब मैं बड़ा हो रहा था,
तो घर वाले, रिश्तेदार, और आसपास के लोग अक्सर एक ही बात कहते थे:
“फुल स्लीव्स पहनो, सफेद दाग छुपाकर रखो।”
धीरे-धीरे यही आदत बन गई।
फुल शर्ट, फुल टी-शर्ट…
मौसम चाहे गर्मी का हो या बारिश का —
मन में बस एक डर रहता:
“लोग क्या सोचेंगे?”
🧥 कपड़ों में नहीं, डर में कैद था मैं
कभी-कभी मन करता था कि
मैं भी बाकियों की तरह हाफ टी-शर्ट पहनूं।
बिना डर के।
बिना कुछ छुपाए।
पर फिर वही डर…
“लोग देख लेंगे?”
“कैसी नजरों से देखेंगे?”
🌱 फिर एक दिन…
जिंदगी ने करवट ली।
नौकरी शुरू हुई।
नई जगह, नए लोग।
और वहीं मैंने खुद को एक नई चुनौती दी।
पहली बार हाफ शर्ट पहनी…
फिर टी-शर्ट भी।
डर था — बिल्कुल था।
पर उस दिन एक गहरी बात समझ आई:
“डर हमेशा रहेगा, अगर तुम उसे जगह देते रहोगे।”
💪 और आज…
आज मैं वही पहनता हूँ
जो मुझे पसंद है।
हाफ शर्ट हो या स्लीवलेस — अब मैं खुद को नहीं छुपाता।
जब आप अपने पसंद के कपड़े पहनते हैं —
बिना डर के, बिना शर्म के, बिना सफेद दाग छुपाए —
तो अंदर से एक हलकापन महसूस होता है।
एक सुकून।
एक सच्ची मुस्कान।
जो कोई और नहीं दे सकता —
सिवाय आपके अपने आत्मविश्वास के।
🌈 एक सवाल आपसे…
अगर आप भी आज तक खुद को फुल स्लीव्स के पीछे छुपा रहे हैं,
तो एक बार अपने दिल की सुनिए।
क्योंकि
सफेद दाग नहीं छुपाना है —
डर को छुपाना है।
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