नितळ एक मराठी फिल्म है, जो समाज में त्वचा संबंधी स्थितियों जैसे विटिलिगो (सफेद दाग) के प्रति लोगों की सोच और पूर्वाग्रहों को उजागर करती है। यह फिल्म एक युवा लड़की की कहानी है, जो विटिलिगो से पीड़ित है और समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करती है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे वह अपने आत्म-सम्मान को बनाए रखते हुए, समाज की रूढ़ियों और भेदभाव का सामना करती है।
मुख्य बिंदु:
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कहानी: फिल्म एक लड़की की यात्रा को दर्शाती है, जो विटिलिगो के कारण समाज में भेदभाव का सामना करती है, लेकिन अपने आत्म-विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ती है।
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संदेश: फिल्म का मुख्य उद्देश्य यह संदेश देना है कि त्वचा की स्थिति किसी की योग्यता या आत्म-मूल्य को निर्धारित नहीं करती। यह समाज में समावेशिता और सहानुभूति की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
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प्रभाव: ‘नितळ’ ने दर्शकों और आलोचकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की है, और यह फिल्म विटिलिगो के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक रही है।