एक सच्ची कहानी: “बीमारी नहीं, समाज की ग़लतफ़हमी है”

🌼 एक सच्ची कहानी: “बीमारी नहीं, समाज की ग़लतफ़हमी है”

Vitiligo Support India के पास आज एक नई कहानी आई है।
हम उस व्यक्ति का नाम तो साझा नहीं कर सकते, लेकिन उसकी आपबीती हर उस इंसान की कहानी है, जिसने समाज की ग़लतफहमियों का सामना किया है।

🧒🏻 बचपन की मासूम दोस्ती और एक भ्रम

बचपन में दोस्ती का मतलब होता था — साथ खेलना, हँसना, खाना और दुनिया की फिक्र से दूर एक निर्दोष जीवन।
लेकिन एक दिन, एक दोस्त ने अजीब सी बात कह दी —
“मुझे डर है कि कहीं मुझे भी सफेद दाग न हो जाए, क्योंकि हम साथ रहते हैं।”

हैरानी की बात यह थी कि वह दोस्त तो ज़्यादातर समय दूर ही रहता था।
यह सुनकर पहले तो दुख हुआ, फिर समझ में आया कि ये बीमारी नहीं — भ्रम है।

🌟 एक दोस्त ने तोड़ी चुप्पी, दिखाई सच्चाई

जब यह बात एक और करीबी दोस्त को पता चली — जो हर दिन साथ रहता था, खाना भी साथ खाता था — तो उसने साफ-साफ जवाब दिया:
“मैं हर दिन इसके साथ हूँ, मुझे कुछ नहीं हुआ। तो तुम्हें कैसे हो सकता है?”

यही पल था जब एक बात साफ हो गई —
सफेद दाग से ज्यादा खतरनाक है समाज की सोच।
ये रोग नहीं फैलता, ये डर फैलता है।
और ये डर सिर्फ जानकारी और समझ से ही खत्म किया जा सकता है।


💬 आपकी कहानी हमारी ताकत है

अगर आपने भी इस तरह के अनुभव झेले हैं — तो अपनी कहानी ज़रूर साझा करें।
आपकी आवाज़ किसी और के लिए प्रेरणा और राहत बन सकती है।
👉 बस जाएँ VitiligoSupportIndia.org पर
और ‘आपबीती’ सेक्शन में अपनी कहानी लिख भेजें।

अब आप हमें Spotify पर भी सुन सकते हैं —
जहाँ हम आपकी कहानी को पूरी दुनिया तक पहुँचाते हैं, आपकी आवाज़ के साथ।


💖 याद रखिए:

“आप अकेले नहीं हैं — हम सब साथ हैं।”
Vitiligo Support India – हमारी स्किन, हमारा गौरव!

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