एक माँ, एक संघर्ष, एक हौसला

एक माँ की कहानी – संघर्ष, सहनशीलता और हौसले की मिसाल

नमस्कार, मैं रविन्द्र जायसवाल।
आज मैं आपके सामने एक सच्ची और दिल को छू जाने वाली कहानी लेकर आया हूँ — यह केवल विटिलिगो से जुड़ी नहीं, बल्कि माँ होने की उस परीक्षा की कहानी है, जिसमें धैर्य, दर्द और प्रेम की पराकाष्ठा है। यह कहानी मुझे एक महिला ने व्हाट्सएप के ज़रिए भेजी, और इसे पढ़ने के बाद मैं कई मिनटों तक मौन रह गया।

एक जुझारू माँ की पहचान

यह महिला अफ्रीका के एक देश से हैं। उन्होंने मात्र 12 वर्ष की उम्र में विटिलिगो के शुरुआती निशान देखे। इसके बाद उनकी ज़िंदगी एक नई और चुनौतीपूर्ण दिशा में चल पड़ी — सामाजिक ताने, घूरती नज़रों की चुभन और गहराता अकेलापन।

आज उनकी त्वचा लगभग पूरी तरह सफेद हो चुकी है। विवाह अब केवल एक औपचारिक बंधन रह गया है।
वह कहती हैं, “मेरे पति मेरे साथ बाहर जाना पसंद नहीं करते। एक ही वाहन में बैठने से भी कतराते हैं… जैसे मेरा साथ उन्हें शर्मिंदा करता हो।”

चर्च जैसी जगहों पर भी लोग उन्हें घूरते हैं, बच्चे सवाल करते हैं, और हर दिन वह खुद को अकेली महसूस करती हैं — पहचान और आत्मसम्मान की निरंतर लड़ाई में।

एक माँ का संघर्ष, जो कभी रुकता नहीं

लेकिन उनका संघर्ष केवल समाज से नहीं है…
उनका बेटा ऑटिस्टिक है और मानसिक रूप से विकलांग भी। उम्र 20 साल है, लेकिन वह आज भी पूरी तरह से माँ पर निर्भर है।

उसके मिर्गी के दौरे, दिन में छह बार दवाइयों का ध्यान रखना — ये सब वह अकेले करती हैं।
पिता साथ नहीं देते, उल्टा क्रोध करते हैं — मानो सारी जिम्मेदारी और दोष उन्हीं का हो।

पर वह नहीं थमतीं।
क्योंकि वह एक माँ हैं।
और माँ होना सिर्फ एक रिश्ता नहीं, एक अपार शक्ति है।

हौसले की कहानी

यह कहानी सिर्फ पीड़ा की नहीं है।
यह उस चिंगारी की कहानी है, जो तमाम अंधेरों में भी बुझती नहीं।
यह उस ममता की कहानी है, जो थकती है पर हारती नहीं।
यह उस उम्मीद की कहानी है, जो दुनिया की बेरुख़ी के बीच भी अपने बच्चे के लिए मुस्कराती है।

हमारा संदेश – Vitiligo Support India की ओर से

हम, Vitiligo Support India, इस कहानी के ज़रिए समाज को एक संदेश देना चाहते हैं:

रंग नहीं, सोच बदलो।

किसी की त्वचा या मानसिक स्थिति, उसकी इंसानियत से बड़ी नहीं हो सकती।

ऐसी हज़ारों माँएं हमारे समाज में हैं, जिनकी कहानियाँ आज भी अनकही हैं।

आप अकेली नहीं हैं।
भारत आपके साथ है।
हम सब आपके साथ हैं।

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