“सपनों को मत रोको – विटिलिगो कोई रुकावट नहीं, एक पहचान है”
क्या आपने कभी महसूस किया है कि लोग आपको नहीं, सिर्फ आपकी त्वचा को देख रहे हैं?
क्या आपने कभी अपने सपनों को रोक दिया — सिर्फ इसलिए कि आपको विटिलिगो है?
अगर हाँ, तो ये ब्लॉग आपके लिए है।
सपने रुकते नहीं… नजरें बदलनी चाहिए
जब समाज सिर्फ हमारी त्वचा को देखता है, तो हमें लगता है कि शायद हमारी पहचान सिर्फ हमारे दागों तक सीमित है। हम खुद से पीछे हटने लगते हैं… और अपने ही सपनों से दूर हो जाते हैं।
पर क्या ये सही है?
विटिलिगो है… तो क्या?
विटिलिगो सिर्फ त्वचा का रंग बदलता है, आपकी काबिलियत नहीं।
आपका आत्मविश्वास, हुनर, और जज़्बा — ये सब अब भी उतने ही खास हैं।
आपके दाग लोगों की सोच को चुनौती देते हैं।
आपका संघर्ष लोगों को बदलने की प्रेरणा बन सकता है।
उनसे सीखिए, जो डरे नहीं
दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो विटिलिगो के साथ मंच पर खड़े हुए, किताबें लिखीं, कैमरे के सामने आए, बिज़नेस खड़ा किया — और सबसे अहम, खुद को अपनाया।
क्योंकि बदलाव वहीं से शुरू होता है – जब हम खुद को नकारने के बजाय अपनाते हैं।
अपने सपनों को मत रोको
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अपनी आवाज़ को मत दबाइए
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अपने टैलेंट को मत छुपाइए
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और सबसे ज़रूरी —
अपने सपनों को मत मारिए… सिर्फ इसलिए कि आपकी त्वचा अलग है।
आप जब चलते हैं… तो हजारों को दिशा मिलती है
आपके कदम हज़ारों उन लोगों के लिए उम्मीद बन सकते हैं जो आज भी खुद को अकेला समझते हैं।
आपका आत्मविश्वास — दूसरों का रास्ता बन सकता है।
आज से, अभी से – अपने सपनों को जीना शुरू करें।
क्योंकि आप जैसे हैं, वैसे ही काफी हैं।