🌟 “मिरर ट्रिक” — आत्मविश्वास बढ़ाने का एक सरल लेकिन गहरा तरीका
रंग से नहीं, नजर से प्यार करना सीखें
आईना…
हम सभी दिन में कई बार खुद को आईने में देखते हैं —
कभी बाल ठीक करने के लिए,
कभी चेहरे के दाग-धब्बे खोजने के लिए।
लेकिन क्या कभी खुद को सच्चे मन से देखा है?
मैं भी हर दिन खुद को देखता था —
पर सबसे पहले जो चीज़ नज़र आती थी,
वो थी मेरी त्वचा का रंग… मेरा सफेद दाग।
फिर वही पुरानी आवाज़ें मन में गूंजने लगती थीं:
“मैं अलग दिखता हूँ।”
“लोग क्या सोचेंगे?”
“काश ये सब मिट जाए…”
🪞 फिर शुरू हुई एक नई आदत — “The Mirror Trick”
एक दिन मैंने अपने भीतर बदलाव लाने की कोशिश की।
एक छोटा सा प्रयोग, जो आज मेरी रोज़ की आदत बन चुका है।
हर सुबह आईने के सामने खड़ा होता हूँ
और खुद से सिर्फ एक बात कहता हूँ:
“तू जैसा है, वैसा ही काफी है।”
शुरू में ये झूठ-सा लगा…
खुद से ये कहना मुश्किल था।
पर जैसे-जैसे दिन बीतते गए,
इन शब्दों का असर मेरे मन और आत्मा पर गहराता गया।
💡 मैंने क्या सीखा?
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मैंने अपने चेहरे को अपनाना सीखा — जैसा वो है।
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मैंने अपनी नज़रों से प्यार करना सीखा, न कि समाज की सोच से।
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और सबसे जरूरी — मैंने जाना कि
मैं सिर्फ रंग नहीं हूँ, मैं एक कहानी हूँ।
📖 कुछ शब्द जो मैं खुद से कहता हूँ:
“तू सिर्फ रंग नहीं है, तू रोशनी है।
तू कोई कमी नहीं, तू एक कहानी है।
तू काफी है, तू जैसा है वैसा ही सुंदर है।”
🙏 एक विनती आपसे:
आईना कभी झूठ नहीं बोलता — हमारी सोच उसे गलत बना सकती है।
रोज़ सुबह खुद से एक पॉजिटिव बात कहिए।
देखिए, कैसा बदलाव आता है भीतर से।
👇 कमेंट में ज़रूर बताइए:
आप अगली बार आईने में खुद को देखकर क्या कहेंगे?
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