आओ गले लग जाओ
लीलाधर भगवान श्रीकृष्ण की पतित पावन धरती 25 जून को सफेद दाग का दंश झेलकर समाज में सफलता की नई पटकथा लिखने वाले कर्मयोद्धाओं के सम्मान का गवाह बनने जा रही है। इस पावन तिथि का भारत ही नहीं समूची दुनिया में विशेष महत्व है। दरअसल, हर साल 25 जून को विश्व विटिलिगो दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को विटिलिगो की समस्या के बारे में जागरूक करना है।
विटिलिगो को ल्यूकोडर्मा या सफेद दाग के नाम से भी जाना जाता है। हमारा समाज इसे छुआछूत की बीमारी मानता है जोकि गलत है। हम आपको बता दें कि ये न ही छुआछूत की बीमारी है, न ही कुष्ठ रोग है। यह स्किन से जुड़ी एक समस्या है। जिसमें त्वचा की रंगत के लिए जरूरी मेलेनोसाइट्स सेल्स धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं और इसके चलते त्वचा पर सफेद धब्बे नजर आने लगते हैं। आमतौर पर यह समस्या सबसे पहले होठों पर नजर आती है। फिर धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों पर इसका असर दिखने लगता है।
विटिलिगो दिवस मनाने के लिए 25 जून की तारीख इसलिए चुनी गई, क्योंकि यह फेमस पॉप स्टार माइकल जैक्सन की पुण्यतिथि का दिन है। माइकल जैक्सन भी विटिलिगो की समस्या से ग्रस्त थे और उन्होंने अपनी इस समस्या और उसके चलते जिन-जिन संघर्षों का सामना किया, उस पर खुलकर बात की थी। इसी को देखते हुए द विटिलिगो रिसर्च फाउंडेशन के सीईओ यान वैले ने माइकल जैक्सन की पुण्यतिथि का दिन ‘विश्व विटिलिगो दिवस’ मनाने के लिए चुना। पहली बार विश्व विटिलिगो दिवस साल 2011 में मनाया गया था।
मथुरा की पावन धरती पर हमारी संस्था 25 जून को कामयाब विटिलिगो का सम्मान कर समाज को एक संदेश देने की कोशिश करेगी। विनम्र आग्रह है कि हमारा समाज सफेद दाग की समस्या का सामना कर रहे लोगों को अछूत न समझे। उनसे मिले और उन्हें गले लगाए। इससे विटिलिगो प्रभावित लोगों की मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। विटिलिगो का पूर्ण कारण ज्ञात नहीं है लेकिन इस ऑटोइम्यून स्थिति (जिसमें ट्रिगर किया गया प्रतिरक्षा तंत्र अपने ही ऊतकों पर हमला करता है) पर चल रहे शोध में मेलेनोसाइट्स के मरने के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। कुछ अध्ययनों के परिणामों से यह अनुमान लगाया गया है कि कुछ हद तक आनुवंशिकी इसका कारण हो सकता है।
खैर, हमारी संस्था समाज में व्याप्त मिथकों को तोड़ने की एक शुरुआत करने जा रही है। हम इस संस्था के माध्यम से समाज को संदेश देंगे कि विटिलिगो पीड़ितों के साथ आमजन की तरह व्यवहार किया जाना क्यों जरूरी है। हमारी संस्था विटिलिगो से प्रभावित लोगों को भावनात्मक तथा मानसिक सहयोग देने के साथ उन्हें हर तरह से सशक्त करेगी ताकि वे आत्मविश्वास के साथ समाज और राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे सकें। हमारी संस्था कामयाब विटिलिगो की वास्तविक कहानी समाज के सामने लाएगी ताकि उससे दूसरे लोग प्रेरणा ले सकें।
25 जून को होने वाले सम्मान और परिचय समारोह में सफेद दाग से पीड़ित लोग अपनी सफलता की कहानी साझा करेंगे। इतना ही नहीं समाज को अपना संदेश भी देंगे। हमारी संस्था सफेद दाग से पीड़ित व्यक्तियों जिन्हें शादी, नौकरी, बिजनेस आदि में परेशानी आती है, यथासम्भव उनकी मदद करेगी। हम अपने विटिलिगो प्रभावित लोगों से विनम्र आग्रह करते हैं कि वह निम्न पते, दूरभाष या फिर ईमेल पर अपना परिचय फोटो सहित अतिशीघ्र भेजें ताकि सम्मान समारोह को अंतिम रूप दिया जा सके।
सधन्यवाद
भवदीय
रविन्द्र जायसवाल
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