समाज का व्यवहार: एक विटिलिगो वॉरियर की सच्ची और साहसी कहानी

एक वॉरियर की आवाज़ — समाज के तानों से साहस की कहानी तक

नमस्कार,
मैं Vitiligo Support India की एक वॉरियर हूँ।
आज मैं अपनी सच्ची कहानी आप सभी के साथ बाँटना चाहती हूँ।

यह केवल एक त्वचा रोग की बात नहीं है।
यह उस मानसिक और सामाजिक बोझ की कहानी है, जिसे हम जैसे लाखों लोग रोज़ाना झेलते हैं — सिर्फ इसलिए कि हमारी त्वचा पर सफेद दाग हैं।

हमारे परिवार में छह भाई-बहन थे — चार बहनें और दो भाई।
जब भी मेरे भाई के लिए रिश्ता आता, सबकुछ अच्छा चलता, लेकिन जैसे ही लड़की वालों को पता चलता कि उसकी बहन को विटिलिगो है — रिश्ता टूट जाता।

एक बार तो लड़की वाले मंदिर में ही लड़की दिखाने आए।
उन्हें पहले से बताया गया था कि मुझे विटिलिगो है, लेकिन शायद उनके परिवार में सबको यह बात नहीं पता थी।
मुझे साफ़ कह दिया गया — तुम मत आना।
मेरे घरवाले मंदिर पहुँचे, और जैसे ही मेरी बीमारी की बात सामने आई — लड़की वालों ने अपनी बेटी दिखाने से इनकार कर दिया।

अब सोचिए — शादी तो मेरे भाई से होनी थी, मुझसे नहीं।
पर समाज का ये अंधविश्वास कि “अगर एक को है, तो दूसरों को भी हो सकता है,” रिश्तों को तोड़ने का कारण बन जाता है।

मेरी बहनों के रिश्तों में भी यही डर और सवाल सामने आते रहे।
“कहीं इसे भी न हो जाए?” — इस एक सवाल ने कई रिश्तों को बनने से पहले ही तोड़ दिया।

एक बार मेरी बहन के संभावित सास-ससुर बिना बताए हमारे घर आ गए।
मुझे ऑफिस से बुलाया गया और मेरे सामने मेरी बहन से जबरन कपड़े उतरवाकर उसकी त्वचा की जाँच की गई — सिर्फ इसलिए कि मैं विटिलिगो से ग्रसित हूँ।

आखिर में वही बात कही गई —
“पारुल को किसी भी फंक्शन में सामने मत लाना।”

और यहीं से मेरा सामाजिक बहिष्कार शुरू हो गया।
एक बहन होकर भी, मैं अपने भाई-बहनों की शादी में शामिल नहीं हो सकी।
मैंने रिश्तों को टूटते देखा, आँखों में ताने और दिल में दर्द झेला।

लेकिन अब मैं चुप नहीं हूँ।
अब मैं Vitiligo Support India की एक जागरूक वॉरियर हूँ — और मैं कहती हूँ:

सफेद दाग कोई पाप नहीं है।
यह छूत की बीमारी नहीं है।
यह पहचान नहीं, केवल एक त्वचा की स्थिति है।
यह हमारी ताकत की निशानी है — शर्म की नहीं।

हमारा रंग चाहे फीका हो,
हमारे हौसले आज भी पूरी तरह रंगीन हैं।


क्या आप भी अपनी कहानी साझा करना चाहते हैं?
तो Vitiligo Support India के आपबीती सेक्शन में जाएं और अपनी सच्ची कहानी हमारे साथ साझा करें।

याद रखिए — आप अकेले नहीं हैं। हम साथ हैं। 💜 

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