माइकल जैक्सन, जिन्हें “किंग ऑफ पॉप” के नाम से जाना जाता है, न केवल अपनी संगीत प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध थे, बल्कि उन्होंने विटिलिगो जैसी त्वचा की स्थिति के साथ भी साहसपूर्वक जीवन जिया।
विटिलिगो के साथ जीवन
1980 के दशक के मध्य में, माइकल जैक्सन की त्वचा में बदलाव देखने को मिला, जिससे उनके प्रशंसकों और मीडिया में कई अटकलें लगीं। 1993 में ओपरा विन्फ्रे के साथ एक साक्षात्कार में, उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें विटिलिगो है, एक ऑटोइम्यून स्थिति जिसमें त्वचा के कुछ हिस्सों में रंगद्रव्य की कमी हो जाती है। उन्होंने कहा, “मुझे स्किन संबंधी पिग्मेंटेशन स्किन डिसऑर्डर है… यह मेरे लिए एक समस्या है और मैं इसे नियंत्रित नहीं कर सकता” Navjivan India।
आत्म-स्वीकृति और प्रेरणा
माइकल जैक्सन ने विटिलिगो के साथ अपने अनुभवों को साझा करके लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनके बेटे प्रिंस जैक्सन ने बताया कि उनके पिता अपनी त्वचा की स्थिति को लेकर असुरक्षित महसूस करते थे, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने बच्चों को इसके बारे में बताया और उन्हें जागरूक किया Navjivan India।
माइकल जैक्सन की कहानी हमें सिखाती है कि आत्म-स्वीकृति और साहस के साथ किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। उन्होंने न केवल अपने संगीत से दुनिया को मोहित किया, बल्कि विटिलिगो के साथ अपने संघर्ष से भी लोगों को प्रेरित किया।
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