शादी के लिए रिश्ते नहीं आते या ठुकरा दिए जाते
By: रवीन्द्र जायसवाल
श्रेणी: व्यक्तिगत अनुभव | आत्मस्वीकृति | समाजिक सोच में बदलाव
नमस्कार दोस्तों!
मैं रवीन्द्र जायसवाल,
और आज हम बात करेंगे एक ऐसे विषय पर, जो न जाने कितने लोगों के दिल को छूता है –
“शादी के रिश्ते नहीं आते या बार-बार ठुकरा दिए जाते हैं।”
क्या आपको भी ऐसा अनुभव हुआ है?
क्या सिर्फ इसलिए रिश्ते टूट गए, क्योंकि आपकी त्वचा बाकी लोगों से अलग है?
मेरा अनुभव – एक सच्ची कहानी
“मेरे लिए भी एक रिश्ता आया था – सबकुछ ठीक था, परिवार मिल चुके थे, सगाई की तैयारियां तक हो चुकी थीं।
लेकिन ठीक एक दिन पहले… लड़की ने मना कर दिया – ‘अभी शादी नहीं करनी।’
कोई कारण नहीं बताया गया, लेकिन क्या मैं नहीं समझता कि वजह क्या थी?”
❝ क्या मेरी त्वचा की स्थिति इतनी बड़ी वजह थी कि एक भावनात्मक रिश्ता तोड़ा जा सके? ❞
समय का चक्र
“वक्त बीतता गया। कई साल बाद, उसी लड़की के परिवार से फिर से रिश्ता आया।
लेकिन इस बार, मैंने मना कर दिया।
क्योंकि मुझे एहसास हो गया था –
❝ शादी केवल दो लोगों का मिलन नहीं है, यह भरोसे का रिश्ता है। ❞
और जो एक बार आपको ठुकरा सकते हैं, वे दोबारा भी वैसा कर सकते हैं।
खुलकर अपनाने का फैसला
“इसके बाद मैंने एक अलग रास्ता चुना –
मैंने अखबार में एक विज्ञापन दिया।
सीधे, साफ़ शब्दों में लिखा –
“मैं विटिलिगो से प्रभावित हूँ, और मुझे ऐसा जीवनसाथी चाहिए जो मुझे मेरी सच्चाई के साथ अपनाए।”
और फिर… मेरी ज़िंदगी में एक ऐसा रिश्ता आया, जिसने मुझे मेरी पूरी पहचान के साथ स्वीकार किया।
आज, मैं एक खुशहाल पारिवारिक जीवन जी रहा हूँ – बिना किसी छुपाव, बिना किसी शर्म के।
आप सभी के लिए मेरा संदेश
“अगर आपको कभी किसी ने ठुकराया है,
तो कृपया इसे अपनी कमी न समझें।
❝ जो लोग आपकी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते,
वे आपके जीवन में शामिल होने के काबिल नहीं हैं। ❞
शादी एक समझौता नहीं है –
यह सम्मान, अपनापन और सच्चे प्यार का बंधन है।
खुद से प्यार कीजिए। खुद पर विश्वास रखिए।
सही लोग ज़रूर आपकी ज़िंदगी में आएंगे।“
“शर्म की नहीं, गर्व की बात है – जब आप अपनी सच्चाई को अपनाते हैं।”
– रवीन्द्र जायसवाल | VitiligoSupportIndia.org