5 बातें जो विटिलिगो वाले लोगों को बार-बार सुननी पड़ती हैं – अब वक्त है सोच बदलने का

5 बातें जो विटिलिगो वाले लोगों को बार-बार सुननी पड़ती हैं – अब वक्त है सोच बदलने का

अगर आप या आपके जानने वाले विटिलिगो (सफेद दाग) से प्रभावित हैं,
तो आपने ये बातें जरूर सुनी होंगी।

और अगर आपने कभी खुद किसी से ऐसा कहा हो…
तो अब सोचिए — क्या यह जरूरी था?

बात 1: “ये छूने से फैलता तो नहीं?”

❌ नहीं!
विटिलिगो छूने, साथ बैठने, खाना खाने या शादी करने से नहीं फैलता।
यह कोई संक्रमण नहीं है।
यह एक ऑटोइम्यून स्किन कंडिशन है।

बात 2: “तुमने क्या खा लिया था?”

विटिलिगो का सीधा संबंध खाने-पीने से नहीं होता।
यह शरीर के इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी के कारण होता है, न कि दही, मछली, नींबू या कोई खास खाना खाने से।


बात 3: “अच्छा… इलाज नहीं है क्या?”

हाँ, इलाज है —
लेकिन विटिलिगो का हर व्यक्ति पर एक जैसा असर नहीं होता।
कुछ साइंटिफिक ट्रीटमेंट्स हैं:

  • टॉपिकल स्टेरॉयड

  • लाइट थेरेपी (NBUVB)

  • कैल्सिन्यूरिन इनहिबिटर्स

  • और कुछ मामलों में सर्जिकल ट्रीटमेंट।

बात 4: “तुम तो बहुत अच्छे लगते थे पहले”

अब भी हूं!
मैं अब सिर्फ चेहरे से नहीं, सोच और आत्मविश्वास से भी सुंदर हूं।
सुंदरता का मतलब सिर्फ साफ रंग नहीं — साफ दिल और मजबूत आत्मा होती है।

बात 5: “शादी कैसे होगी?”

 शादी कोई दया या शक्ल की सौदेबाज़ी नहीं होती।
जिसे अपनाना होता है, वो रंग नहीं, इंसान देखता है।
और हाँ — आत्म-सम्मान सबसे पहली शर्त होनी चाहिए, रिश्ता नहीं।

अब आप बताइए:

  • क्या आपने भी ऐसी बातें सुनी हैं?

  • कैसा महसूस हुआ?

  • और अगर आपने कभी ऐसा कुछ कहा है – क्या आज आप चीज़ों को अलग नज़र से देख पा रहे हैं?

क्योंकि आपकी सच्चाई किसी और की ताकत बन सकती है।

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